सनातन धर्म में देवशयनी एकादशी का विशेष महत्व माना जाता है। कहते हैं इस पावन दिन पर व्रत, दान और भक्ति से जीवन में शुभता, शांति और सुख समृद्धि का आगमन होता है। जानिए इस साल ये एकादशी कब मनाई जा रही
देवशयनी एकादशी, जिसे आषाढ़ शुक्ल एकादशी और हरि शयनी एकादशी भी कहा जाता है, हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन से भगवान विष्णु क्षीर सागर में योगनिद्रा में चले जाते हैं, और चार माह के लिए संसार के कार्यों से विरक्त हो जाते हैं। इस अवधि को चातुर्मास कहा जाता है। जानिए इस साल देवशयनी एकादशी कब मनाई जाएगी

देवशयनी एकादशी 2025 में कब है?
देवशयनी एकादशी 6 जुलाई 2025, रविवार को मनाई जाएगी। इस एकादशी का पारण समय सुबह 05:29 से 08:16 तक रहेगा। पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय रात 11:10 का है।
देवशयनी एकादशी पूजा विधि
- प्रातः स्नान करके संकल्प लें और व्रत का आरंभ करें।
- भगवान विष्णु के सामने दीप जलाकर पीले पुष्प, तुलसी दल, पंचामृत और फल अर्पित करें।
- विष्णु सहस्रनाम या ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करें।
- दिनभर फलाहार करें और रात में जागरण व भजन-कीर्तन करें।
- द्वादशी के दिन ब्राह्मण भोजन व दान करके व्रत का पारण करें।
देवशयनी एकादशी का महत्व (Devshayani Ekadashi Ka Mahatva)
देवशयनी एकादशी से ही चातुर्मास की शुरुआत होती है, जिसमें शुभ कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश आदि वर्जित माने जाते हैं। यह चार माह भगवान विष्णु की विश्राम अवधि माने जाते हैं। मान्यता है कि इस दिन जो भक्त विष्णुजी की सच्चे मन से उपासना करता है, उसे वैकुण्ठधाम की प्राप्ति होती है और जन्म-जन्म के पाप नष्ट हो जाते हैं।