महाशिवरात्रि के दिन देश भर के सभी शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ रहती है शिव जी के 12 ज्योतिर्लिंगों में महाशिवरात्रि पर खास आयोजन के दाता मानता है कि इन 12 जगह पर शिवजी स्वरूप में विराजमान है इस वजह से इन 12 मंदिर को ज्योर्तिलिंग कहा जाता है
पहला ज्योतिर्लिंग सोमनाथ 12 ज्योतिर्लिंगों में पहला सोमनाथ ज्योतिर्लिंग है यह मंदिर गुजरात के सौराष्ट्र में समुद्र किनारे स्थित है
दूसरा ज्योतिर्लिंग मालीकाअर्जुन बालिका अर्जुन ज्योतिर्लिंग आंध्र प्रदेश में कृष्णा जिले में कृष्णा नदी के किनारे पर श्री सेल पर्वत बना हुआ है
तीसरा ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित है महाकालेश्वर के पास ही शक्तिपीठ हर्षित मंदिर भी स्थित है
चौथा ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर मध्य प्रदेश के इंदौर से करीब 80 किमी दूर नर्मदा नदी के किनारे एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग पानी के ऊंचाई से देखने पर
पांचवा ज्योतिर्लिंग केदारनाथ केदारनाथ धाम उत्तराखंड के चार धामों में से एक मंदिर करीब 3581 वर्ग मीटर की ऊंचाई पर रुद्रप्रयाग जिले में गौरीकुंड से करीब सोने के में दूर पर मंदिर स्थित है यह हिमालय क्षेत्र में स्थित ऋतु में यहां का वातावरण प्रतिकूल रहता है इसलिए ठंड के दोनों बंद रहता है
छटा ज्योतिर्लिंग भीम शंकर भीम शंकर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के पूर्व जिले में शादी पर्वत पर स्थित है भीम शंकर को मोटेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है
सातवां ज्योति लिंक काशी विश्वनाथ उत्तर प्रदेश के वाराणसी यानी कश्मीर स्थित विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग काशी प्राचीन सप्तपूरियों में से एक है
आठवां ज्योतिर्लिंग त्रंबकेश्वर महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित रामेश्वर मंदिर के पास ही ब्रह्मगिरी पर्वत है इसी पर्वत से गोदावरी नदी शुरू होती है
नवा ज्योतिर्लिंग वेदनाथ वेदनाथ ज्योतिर्लिंगों को लेकर कहीं मतभेद है महाराज जिला बैजनाथ मंदिर और झारखंड स्थित बैजनाथ मंदिर को लेकर मतभेद है झारखंड में देवघर जिला बैजनाथ मंदिर है और महाराष्ट्र में पाली स्टेशन के पास ही पढ़ ले गांव में भी बैजनाथ मंदिर है
दसवां ज्योतिर्लिंग नागेश्वर या ज्योतिर्लिंग गुजरात के द्वारका में स्थित है द्वारका से भी नागेश्वर ज्योतिर्लिंग की दूरी 7 मिल की है
ग्यारवां ज्योतिर्लिंग रामेश्वरम तमिलनाडु के रामनाथपुरम में स्थित है
12 ज्योतिर्लिंगघृष्णेश्वर मन्दिर महाराष्ट्र के औरगवाद के पास दौलतबाद क्षेत्र में स्थित है इसे घृष्णेश्वर या घुश्मेश्वर के नाम से भी जाना जाता है