2024 Pradosh Vrat :.आषाढ़ माह में कब है पहला प्रदोष व्रत जाने शुभ मुहूर्त और पूजा विधि ..
त्रयोदशी तिथि पर किया जाने वाला प्रदोष व्रतभगवान शिव को समर्पित हैयह व्रत हर महीने में दो बारआता किया जाता हैइस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की विशेष पूजा अर्चना की जाती है धार्मिक मान्यता है कि ब्रदर्स व्रत पर सच्चे मन से प्रभु की पूजा करने से जातक की सभी मनोकामने जल्द से जल्दी पूरी की होती है सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है|
Pradosh Vrat:
त्रयोदशी तिथि भगवान शिव को समर्पित है जैसे आपको पता है हर महीने में कृष्ण और शुक्ल पक्ष की ट्रेडर्स स्थिति थी भगवान महादेव को समर्पित है इस खास स्थिति और खास मौके पर भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा प्रदोष काल में की जाती है साथीशुभ फल की प्राप्ति लिए यह व्रत भी किया जाता है मानता है कि सच्चे मन से की गई की प्रार्थना कभी भी झूठ नहीं होती भगवान महादेव की उपासना करने से मनचाहा जीवन साथी मिलता है साथ ही सभी प्रकार के मनोकामना पूर्ण होती हैं आसान माह की शुरुआत 23 जून से हो रही है ऐसे में लिए जानते हैंइस माह में प्रथम प्रदोष व्रत की डेट शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के
प्रदोष व्रत 2024 डेट और शुभ मुहूर्त{Pradosh Vrat 2024 Date And Shubh Muhurat }
पंचांग के अनुसार आसान माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 3 जुलाई को सुबह 7:10 पर होगी वहीं इसका समापन 4 जुलाई को सुबह 5:54 मिनट पर होगा ऐसे में प्रदोष व्रत 3 जुलाई को किया जाएगा
प्रदोष व्रत पूजा विधि
प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें |
साफ वस्त्र धारण करसूर्य देव को जल अर्पित करें|
मंदिर में चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर भगवान शिव और पार्वती की मूर्ति विराजमान कर व्रत का संकल्प ले वैसे आपकी मंदिर की चौकी पर हमेशा लाल कपड़ा बिछा रहता है
लेकिन आपको प्रदोष व्रत पर अवश्य ही लाल कपड़ा बिछाना चाहिए क्योंकि लाल
चीज लाल कपड़े माता पार्वती को बहुत प्रिय हैं
लाल फूल आपके माता रानी को चढ़ाना चाहिए जिससे आप चढ़ाते हैं तो आपको सुख समृद्धि का आशीर्वाद मिलेगा
शिवलिंग पर शहद घी और गंगाजल से अभिषेक करें
कनेर के फूल बेलपत्र और भांग अर्पित करें
इसके बाद देसी घी का दीपक जलाकर आरती करें और शिव मित्रों का जाप करें
विधि पूर्वक शिव चालीसा का पाठ करना भी फलदाई साबित होता है
भगवान शिव को फल और मिठाई का भोग लगे
अंत में लोगों में प्रसाद का वितरण करें
पूजा के दौरान इन मंत्र का जाप करें शिव मंत्र
शिव गायत्री
- ऊँ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्।
- माम् भयात् सवतो रक्ष श्रियम् सर्वदा। आरोग्य देही में देव देव, देव नमोस्तुते।।
- ओम त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
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