देवी दुर्गा हिंदू धर्म में शक्ति और साहस की प्रतीक मानी जाती हैं। उनके विभिन्न रूपों की विभिन्न समयों पर पूजा जाता है, लेकिन उनकी अष्ट भुजाओं में सुशोभित अस्त्र-शस्त्र और अन्य प्रतीक विशेष महत्व रखते हैं
आश्विन मास में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवरात्रि आरंभ हो जाते हैं, जिसका समापन आश्विन शुक्ल पक्ष की नवमी को होता है। आदिशक्ति की भक्ति के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा बड़ी श्रद्धा और भक्ति भाव से की जाती है। देवी दुर्गा हिंदू धर्म में शक्ति और साहस की प्रतीक मानी जाती हैं। उनके विभिन्न रूपों की विभिन्न समयों पर पूजा जाता है, लेकिन उनकी अष्ट भुजाओं में सुशोभित अस्त्र-शस्त्र और अन्य प्रतीक विशेष महत्व रखते हैं। आइए जानते हैं देवी दुर्गा के हाथों में सुशोभित अस्त्र-शस्त्र और प्रतीकों का महत्व।
1. त्रिशूल
त्रिशूल देवी दुर्गा के प्रमुख हथियारों में से एक है। यह तीन प्रमुख गुणों-सत्व, रजस और तमस का प्रतीक है। त्रिशूल यह दर्शाता है कि देवी दुर्गा ने इन तीनों गुणों पर विजय प्राप्त की है और उन्होंने संसार के सभी प्रकार के बुरे तत्वों को नष्ट किया है। यह त्रिशूल बुराई, अज्ञानता और आत्मिक अंधकार का अंत करता है।
2. सुदर्शन चक्र
सुदर्शन चक्र भगवान विष्णु का प्रमुख अस्त्र है, जिसे देवी दुर्गा ने भी धारण किया है। यह चक्र सत्य और धर्म का प्रतीक है। इसका तेज घुमाव बुराई के विनाश को दर्शाता है। यह चक्र समय और उसकी अनिवार्यता का प्रतीक भी है।
3. तलवार
तलवार साहस, शक्ति और न्याय का प्रतीक है। देवी दुर्गा के हाथों में तलवार यह दर्शाती है कि वे धर्म की रक्षा के लिए किसी भी सीमा तक जा सकती हैं। तलवार का धारदार किनारा यह इंगित करता है कि देवी दुर्गा जीवन की कठिनाईयों और चुनौतियों का सामना करने में समर्थ हैं।
4. धनुष और बाण
धनुष-बाण संतुलन और ध्यान का प्रतीक हैं। ये दर्शाते हैं कि देवी दुर्गा न केवल शक्ति और साहस की देवी हैं, बल्कि संतुलन और शांति का भी प्रतीक हैं। धनुष-बाण यह इंगित करते हैं कि हमें हमेशा अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित रखना चाहिए और धैर्यपूर्वक आगे बढ़ना चाहिए।
5. कमल
कमल पवित्रता, सृजन और आत्मिक ज्ञान का प्रतीक है। देवी दुर्गा के हाथों में कमल यह दर्शाता है कि वे जीवन में सुंदरता और सृजनशीलता की देवी हैं। कमल यह सिखाता है कि हमें जीवन की कठिनाइयों से उभरकर शुद्ध और पवित्र बने रहना चाहिए।
6. गदा
गदा शक्ति और अधिकार का प्रतीक है। देवी दुर्गा के हाथ में गदा यह दर्शाता है कि उनके पास अपार शक्ति है और वे बुराई को कुचलने में सक्षम हैं। यह गदा दुष्टों के विनाश का प्रतीक है और यह सिखाती है कि हमें अन्याय और अधर्म के खिलाफ लड़ने के लिए साहस और शक्ति की आवश्यकता है।
7. अभय मुद्रा
देवी दुर्गा की एक हथेली हमेशा अभय मुद्रा में होती है, जो यह दर्शाता है कि वे अपने भक्तों को हमेशा भय से मुक्त रखती हैं। यह मुद्रा यह सिखाती है कि हमें अपने जीवन में निडर होकर जीना चाहिए और भगवान में विश्वास रखना चाहिए।
8. शंख
शंख भगवान विष्णु का प्रतीक है और यह देवी दुर्गा के हाथों में आध्यात्मिकता और ध्वनि का प्रतीक है। शंख से उत्पन्न ध्वनि ओम का प्रतीक है, जो सृष्टि के आरंभ का प्रतीक है। यह दिव्य ऊर्जा और चेतना का प्रतिनिधित्व करता है।