भगवान गणेश प्रथम पूज्य देव माने जाते हैं। हिंदू धर्म में किसी भी शुभ काम को करने से पहले भगवान श्री गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है
भगवान गणेश प्रथम पूज्य देव माने जाते हैं। हिंदू धर्म में किसी भी शुभ काम को करने से पहले भगवान श्री गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है। कहा जाता है कि गणेश जी की पूजा अर्चना करने से सभी विघ्न-बाधाएं हमेशा के लिए दूर हो जाती हैं। इसलिए उनको विघ्नहर्ता भी कहा जाता है। इसके अलावा गणपति बप्पा की पूजा के लिए बुधवार का दिन सर्वोत्तम माना जाता है। बुधवार के दिन पूजा-पाठ के अलावा आरती पढ़ने से सौभाग्य में वृद्धि होती है। यहां भगवान श्री गणेश की आरती लिरिक्स दी जा रही है, जिसके जरिए आप पूजा के दौरान इसे पढ़ सकते हैं

गणेश जी की आरती
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे संत करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो जाऊं बलिहारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥