हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन अंजनि पुत्र मारुति का जन्म हुआ था। मान्यता है कि केसरीनंदन की विधिवत पूजा करने से सभी तरह के कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। आइए जानते हैं आज हनुमान जन्मोत्सव पर किस शुभ मुहूर्त और किस विधि से हनुमान जी की पूजा करें
Hanuman Jayanti 2025: क्या हैं हनुमान जी की नव निधियां
हनुमान जी को अष्ट सिद्धियों के साथ नव निधियों का भी दाता माना जाता है। ये नव निधियां- पद्म, महापद्म, शंख, मकर, कच्छप, मुक्ता, कुंद, नील और खर्व धन, वैभव और समृद्धि का प्रतीक हैं। इन निधियों में जल, पृथ्वी, आकाश और चेतना के तत्व समाहित हैं, जिन्हें हनुमान जी अपने भक्तों के लिए उपयोग करते हैं
हनुमान जी की पूजा क्यों की जाती है मंगलवार और शनिवार को ?
हनुमान जी की पूजा मंगलवार को उनके जन्म और मंगल ग्रह से संबंधित होने के कारण शक्ति और साहस के लिए की जाती है, जबकि शनिवार को शनि दोष निवारण और शांति के लिए की जाती है, क्योंकि हनुमान जी शनि के भक्त माने जाते हैं।

हनुमान जी क्यों कहलाते हैं अष्ट सिद्धि के दाता?: Hanuman Jayanti Asht Siddhi Data
हनुमान जयंती पर हम श्रीराम के परम भक्त और अष्ट सिद्धियों के स्वामी हनुमान जी की महिमा को याद करते हैं। उन्हें माता जानकी से अष्ट सिद्धियां और नव निधियां प्राप्त थीं, जिनकी शक्ति से उन्होंने असंभव कार्यों को संभव किया।
- अणिमा: सूक्ष्म रूप धारण कर कहीं भी पहुंचने की क्षमता।
- महिमा: अपना रूप विशाल करने की शक्ति।
- गरिमा: भारी रूप धारण करने की क्षमता।
- लघिमा: शरीर को हल्का कर गति बढ़ाने की शक्ति।
- प्राप्ति: किसी भी वस्तु, जानकारी या स्थान की त्वरित प्राप्ति।
- प्राकाम्य: जल, आकाश या पाताल में विचरण करने की क्षमता।
- ईशित्व: नेतृत्व, नियंत्रण और पुनर्जीवन की शक्ति।
- वशित्व: मन और इंद्रियों पर पूर्ण नियंत्रण
- ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट
- ॐ नमो भगवते हनुमते नमः
- ॐ नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय। सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा
- ॐ महाबलाय वीराय चिरंजिवीन उद्दते, हारिणे वज्र देहाय चोलंग्घितमहाव्यये। नमो हनुमते आवेशाय आवेशाय स्वाहा
हनुमान जन्मोत्सव पर करें ये उपाय: Hanuman Jayanti Par Karein Ye Upay
बजरंगबली को केला अत्यंत प्रिय फल है और यह सदैव उनके भोग में शामिल किया जाता है। हनुमान जन्मोत्सव के दिन 11 केले लें और हर एक में एक लौंग लगा दें। इसके बाद इन फलों को हनुमानजी को समर्पित करें और फिर प्रसाद स्वरूप बच्चों में बांट दें। ऐसा करने से जीवन की परेशानियां दूर होती हैं
हनुमान जयंती का धार्मिक महत्व: Importance Of Hanuman Janmotsav
धर्म ग्रंथों के अनुसार हनुमान जी ही एक ऐसे देव हैं जो आज भी पृथ्वी पर मौजूद हैं। इसलिए हनुमान जंयती के दिन बजरंगबली की पूजा- अर्चना करने से बल और बुद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं
हनुमान जयंती शुभ मुहूर्त : Hanuman Jayanti Shubh Muhurat
इस बार हनुमान जन्मोत्सव पर पूजा के लिए दो शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। पहला मुहूर्त 12 अप्रैल को सुबह 7 बजकर 34 मिनट से सुबह 9 बजकर 12 मिनट तक है। इसके बाद दूसरा शुभ मुहूर्त शाम को 6 बजकर 46 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 08 मिनट तक रहेगा।
हनुमान जयंती तिथि : Hanuman Jayanti Date
वैदिक पंचांग के अनुसार चैत्र पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 12 अप्रैल 2025 को प्रात: 03 बजकर 20 मिनट पर होगा। साथ ही अगले दिन 13 अप्रैल 2025 को सुबह 05 बजकर 52 मिनट पर इसका अंत होगा। इसलिए हनुमान जयंती 2025 में 12 अप्रैल को मनाया जाएगा।
Hanuman Jayanti 2025 Live: आज पूरे देश में मनाया जा रहा है जन्मोत्सव, जानें शुभ मुहूर्त,मंत्र और पूजा विधि
Hanuman Janmotsav 2025 Live: आज हनुमान जयंती का पवित्र पर्व मनाया जा रहा है, जो भगवान हनुमान के जन्म की खुशी में समर्पित है। यह दिन विशेष रूप से भगवान राम के परम भक्त और भगवान शिव के अवतार, हनुमान जी की पूजा और आराधना का है। हनुमान जी की शक्ति, भक्ति और समर्पण को दर्शाने वाला यह पर्व हर वर्ष चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है। आज के दिन विशेष पूजा और हनुमान चालीसा का पाठ करके भक्त अपने जीवन के कष्टों से मुक्ति प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन अंजनि पुत्र मारुति का जन्म हुआ था। मान्यता है कि केसरीनंदन की विधिवत पूजा करने से सभी तरह के कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। आइए जानते हैं आज हनुमान जन्मोत्सव पर किस शुभ मुहूर्त और किस विधि से हनुमान जी की पूजा करें।