हिंदू धर्म में पूर्णिमा की तरह अमावस्या तिथि का भी विशेष महत्व है. इस दिन स्नान और दान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. वहीं अगर आपको भी इस बार अमावस्या तिथि को लेकर कंफ्यूजन है, तो आइए जानते हैं साल की पहली मौनी अमावस्या तिथि कब हैं

वैसे तो हर माह अमावस्या तिथि आती है. जिसमें से सोमवती और मौनी अमावस्या का विशेष महत्व है. दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान करना शुभ फलदायी माना जाता है. वहीं इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन के सभी पापों से मुक्ति मिलती है. मौनी अमावस्या के दिन पितरों के लिए तर्पण और पिंडदान, श्राद्ध आदि भी किया जाता है. जिससे पितृदोष से मुक्ति मिलती है और पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है
कब है मौनी अमावस्या? (Mauni Amavasya 2025 Date)
हिंदू वैदिक पंचांग के अनुसार, माघ माह में की अमावस्या तिथि की शुरुआत मंगलवार, 28 जनवरी को शाम 7 बजकर 37 मिनट पर होगी. वहीं तिथि का समापन बुधवार 29 जनवरी को होगा. उदयातिथि के आधार पर मौनी अमावस्या या माघी अमावस्या का पर्व 29 जनवरी को मनाया जाएगा
मौनी अमावस्या पूजा विधि Mauni Amavasya Puja Vidhi
मौनी अमावस्या के दिन सुबह पवित्र नदियों में स्नान करें. यदि संभव न हो तो नहाने के पानी में थोड़ा गंगाजल मिलकर स्नान कर सकते हैं. उसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें. फिर एक लकड़ी की चौकी पर साफ कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की मूर्ति या प्रतिमा स्थापित करें. उसके बाद देसी घी का दीपक जलाएं और फूल और धूप चढ़ाएं. साथ ही माता लक्ष्मी को सोलह श्रंगार भी आर्पित करे. इसके बाद फल, दूध, मिठाई समेत आदि चीजों का भोग लगाएं. मंत्र जाप और आरती कर पूजा संपन्न करें. अंत में सभी लोगों में प्रसाद बांटे |