Putrada Ekadashi : सावन माह में आने वाले व्रत-त्योहारों को विशेष महत्व दिया जाता है। इसी प्रकार सावन में आने वाली एकादशी का भी विशेष माना है। पंचांग के अनुसार हर साल सावन माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी पर सावन पुत्रदा एकादशी मनाई जाती है। वहीं पौष माह में भी पुत्रदा एकादशी का व्रत किया जाता है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि एकादशी पर किन कार्यों को नहीं करना चाहिए पुत्रदा एकादशी । पुत्रदा एकादशी का व्रत 16 अगस्त को रखा जाएगा और 17 अगस्त को व्रत का पारण किया जाएगा। आइए आपको बताते हैं पुत्रदा एकादशी का महात्म्य और पूजा का शुभ मुहूर्त व पूजाविधि |
श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहते हैं। पुत्रदा एकादशी अबकी बार 16 अगस्त को है। पद्म पुराण में इस एकादशी की महत्व बहुत ही खास माना गया है। सावन के पवित्र महीने में जब भगवान विष्णु चतुर्मास की निद्रा में होते हैं तो यह एकादशी पड़ती है और इसको पुत्रदायी एकादशी माना गया है। इस दिन विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा करने का खास महत्व होता है। भगवान विष्णु की कृपा से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। मान्यता है इस दिन वे महिलाएं जो पुत्र पाना चाहती हैं अगर व्रत करें तो उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं पुत्रदा एकादशी व्रत का महत्व, डेट और पूजाविधि |
पुत्रदा एकादशी की डेट ..
पुत्रदा एकादशी इस बार 16 अगस्त को है। इस एकादशी तिथि का आरंभ 15 अगस्त को सुबह 10 बजकर 26 मिनट से हो जाएगा। इस एकादशी का समापन 16 अगस्त को सुबह 9 बजकर 39 मिनट पर होगा। व्रत का पारण 17 अगस्त को सुबह 5 बजकर 51 मिनट से 8 बजकर 5 मिनट तक किया जा सकता है |
पुत्रदा एकादशी व्रत की पूजाविधि
पुत्रदा एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें और घर के मंदिर को गंगाजल छिड़ककर पवित्र कर लें। इसके बाद भगवान विष्णु और मां पार्वती की प्रतिमा को लकड़ी की चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर उस पर स्थापित कर लें। उसके बाद गंगाजल से इसका अभिषेक करें और पुष्प के साथ तुलसी दल अर्पित करें। अगर आपको व्रत रखना है तो व्रत करने का संकल्प लें और यदि व्रत नहीं करना है तो पूजा करके आहार ग्रहण कर सकते हें। पूजा के बाद आरती करें और भगवान विष्णु को पंचामृत का भोग लगाएं। भगवान के भोग में तुलसी का पत्ता जरूर शामिल करें। तुलसी बिना भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते |
सावन पुत्रदा एकादशी शुभ मुहूर्त ..
श्रावण माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 15 अगस्त को सुबह 10 बजकर 26 मिनट पर प्रारंभ हो रही है। वहीं यह तिथि 15 अगस्त सुबह 09 बजकर 39 मिनट तक रहने वाली है। ऐसे में सावन माह में पुत्रदा एकादशी का व्रत शुक्रवार, 16 अगस्त 2024 को किया जाएगा |
इन चीजों से करें परहेज ..
एकादशी व्रत के दिन भूल से भी चावल या चावल से बनी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही व्रत करने वाले साधक को भोजन में साधारण नमक और लाल मिर्च का प्रयोग नहीं करना चाहिए। जो लोग इस तिथि पर व्रत नहीं भी कर रहे हैं, उन्हें भी मांस, शराब, लहसुन और प्याज आदि से दूरी बनानी चाहिए |
इन कार्यों से बनाएं दूरी ..
हिंदू धर्म में तुलसी पूजा का विशेष महत्व माना गया है। लेकिन एकादशी तिथि पर तुलसी से जुड़े कुछ नियमों का खास ख्याल रखना चाहिए, तभी साधक को एकादशी व्रत का पूर्ण फल प्राप्त हो सकता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी तिथि पर तुलसी में जल अर्पित नहीं करना चाहिए और न ही इस दिन तुलसी के पत्ते उतारने चाहिए। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस तिथि पर मां तुलसी भगवान विष्णु के निमित्त एकादशी का व्रत करती हैं |
एकादशी व्रत के दिन भूल से भी चावल या चावल से बनी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही व्रत करने वाले साधक को भोजन में साधारण नमक और लाल मिर्च का प्रयोग नहीं करना चाहिए। जो लोग इस तिथि पर व्रत नहीं भी कर रहे हैं, उन्हें भी मांस, शराब, लहसुन और प्याज आदि से दूरी बनानी चाहिए