हिंदू धर्म में सावन के महीने का विशेष महत्व है। भगवान भोलेनाथ को सावन का महीना प्रिय है। इसीलिए इस महीने विधि-विधान शिव जी की पूजा करने से जीवन की तमाम समस्याएं खत्म हो जाती हैं। मान्यता है कि शिव जी अपने भक्तों पर जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं। कहते हैं शिव जी मात्र बेलपत्र और जल चढ़ाने से ही अपने भक्तों पर प्रसन्न हो जाते हैं। सृष्टि की रक्षा के लिए विष पान करने वाले भोलेनाथ अपने भक्तों की हर मनोकामना बहुत जल्द पूरी करते हैं। शिव जी को उनकी दया और करुणा के लिए भी जाना जाता है। इसलिए सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए उनके भक्त विधि-विधान से पूजा पाठ करते हैं और साथ ही कांवड़ यात्रा भी करते हैं। भगवान भोलेनाथ की पूजा के दौरान शिव चालीसा और शिवजी की आरती भी करनी चाहिए। ऐसा करने से भगवान भोलेनाथ प्रसन्न हो जाते हैं। यहां पढिए भगवान भोलेनाथ की आरती

ॐ जय शिव ओंकारा… आरती
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा ॥
ॐ जय शिव ओंकारा
एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा
दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे ।
त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा
अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी ।
त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी ॥
ॐ जय शिव ओंकारा
ॐ जय शिव ओंकारा
सुखकारी दुखहारी जगपालन कारी ॥
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूलधारी ।
ॐ जय शिव ओंकारा
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥
श्वेतांबर पीतांबर बाघंबर अंगे
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर में शोभित ये तीनों एका ॥
ॐ जय शिव ओंकारा
लक्ष्मी व सावित्री पार्वती संगा ।
पार्वती अर्द्धांगी, शिवलहरी गंगा ॥
ॐ जय शिव ओंकारा
त्रिगुणस्वामी जी की आरती जो कोइ नर गावे ।
कहत शिवानंद स्वामी सुख संपति पावे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा।