सूर्य ग्रहण खगोल विज्ञान की महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है, जिसका प्रभाव देश-दुनिया के कार्यों और सभी 12 राशियों पर पड़ता है। बता दें, जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है, तो इस स्थिति में सूरज की रोशनी धरती पर नहीं पहुंच पाती है

सूर्य ग्रहण खगोल विज्ञान की महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है, जिसका प्रभाव देश-दुनिया के कार्यों और सभी 12 राशियों पर पड़ता है। बता दें, जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है, तो इस स्थिति में सूरज की रोशनी धरती पर नहीं पहुंच पाती है। इस घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता जाता है। इस साल 29 मार्च 2025 को साल का पहला सूर्य ग्रहण है। यह दोपहर 2 बजकर 20 मिनट से शुरु होगा और शाम 6 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। लेकिन यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं है।
ज्योतिष दृष्टि से सूर्य ग्रहण को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। दरअसल, सूर्य ग्रहण मीन राशि और उत्तर भाद्रपद नक्षत्र में घटित होने वाला है और इस दौरान, सूर्य, राहु, शुक्र, बुध और चंद्रमा ये सभी ग्रह मीन में विराजमान रहेंगे। ऐसे में ग्रहण का प्रभाव अधिक महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ऐसे में साल के पहले सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को कुछ कार्यों को करने से बचना चाहिए अन्यथा होने वाले बच्चे पर इसका प्रभाव पड़ सकता है। आइए इसके बारे में जानते है
सूर्य ग्रहण में गर्भवती महिलाएं न करें ये काम
- ज्योतिष मान्यताओं के मुताबिक ग्रहण लगने पर गर्भवती महिलाओं को रसोई का कोई भी काम नहीं करना चाहिए। यह उचित नहीं है।
- गर्भवती महिलाएं ग्रहण होने पर भोजन या किसी भी अन्य चीजों का सेवन न करें
- ग्रहण के समय आप कोई भी सिलाई, बुनाई का काम न करें। यहां तक की सुई में धागा डालने की भूल भी न करें।
- आप इस समय कोई भी नया काम न करें
- ग्रहण शुरू होने से खत्म होने तक नुकीली चीजों का प्रयोग न करें। इससे होने वाले बच्चे पर प्रभाव पड़ सकता है।
- आप इस समय किसी भी देवी-देवता की मूर्ति का स्पर्श न करें
- ज्योतिषियों के अनुसार ग्रहण लगने पर कभी भी सोना नहीं चाहिए। आप ध्यान कर सकती है।
- ग्रहण होने पर पूजा नहीं करनी चाहिए। साथ ही मंदिर को भी छूने की भूल न करें
- सूर्य ग्रहण के समय भागदौड़ नहीं करनी चाहिए। आप एक स्थान पर आराम करें।
- गर्भवती महिलाएं ग्रहण में घर से बाहर न निकलें और आसमान में देखने की भूल गलती से भी न करें