हिंदू अस्तित्व का केंद्र सृष्टि का आधार है उसकी शुरुआत और अंत स्थिति से है इसलिए बिंदु जीवन का केंद्र या बिंदु कोजहां से जीवन प्रेस फोटो होता है बिंदु का मूल भाव पर ब्रह्मांड को अपने भीतर सम्मानित करता प्रतीत होता है जैसे एक ग्रह एक बीज और मनुष्य की आंख की दृष्टि बिंदु को लेकर मेरा जन्म की एक घटना हैइसके पीछे बचपन के घटना है जब मैं बच्चा था तो किसी भी काम में ध्यान केंद्रित करने में काफी मुश्किल आती थी कई की एक जगह है ध्यान लगता ही नहीं था भटकता रहता था कोई भी काम चित्र लगाकर नहीं कर पता था एक दिन स्कूल में मेरे एक शिक्षक मेरे सदर को लेकर काफी नाराज हुए सजा क्या सुना दिया उन्होंने ब्लैक बोर्ड पर एक बड़ा घेरा बना दिया
मुझे सिर्फइस पर ध्यान केंद्रित करने को कहा बिंदु से मेरा यह पहला परिचय था यही बिंदु वर्षों बाद फिर से मेरी कला का केंद्र बना 80 के दशक में भारत यात्रा के दौरान अधिकतर एलोवेरा जाने का मौका मिला और बिंदु की अभिव्यक्ति को अपनी कला के केंद्र के रूप में अपने की प्रेरणा मिली और यहीं से शुरू हुई मेरी बिंदु केंद्रित कल की यात्रा मैं बिंदु को कभी सूर्य के रूप में तो कभी आपके रूप में और कभी इसी बीच के रूप में भी देखा यह बिंदु ही है जो आती माता औरशुरुआत होता है
मेरे कई चित्रों पांच जीवन तत्व जल अग्नि पृथ्वी पर वायु और आकाश के प्रत्येक है प्रकृति इन तत्वों को दर्शाने के लिए मैंने कई रंगों का इस्तेमाल किया है इसमें मध्य बिंदु से काले रंग का प्रकृति के पास मूल तत्वों का जोड़ता है इसका अर्थमिल जाते हैं तो पर्यावरण संतुलन के लिए महत्वपूर्ण हो जाते हैं और इसी से जीवन संभव बनता है बिंदु सबसे भी हो सकता हैमंद रहता के भीतर की शक्तियों को संचालित करता है यहशक्तियां मेरे चित्रों में बिंदु है वह सूक्त ऊर्जा से भारी होने का प्रतीक है
जो एक समग्रता के भीतर तत्वों को संचालित करता है यह शक्तियां हमारे जीवन का मूल है मेरे चित्रों में जो कल गहराई जाने बिंदुवह उसका प्रतीक है बिंदुके जागरूकता किया देखोतो बहुत मजा करती है कि कैसे सभी अभ्यास एक दूसरे के पूरा करना कि करती है कि कैसेअभ्यास एक दूसरे को पूरा करना कि विरोधाभासी और अपने तरीके से बिंदु की दिशा में आगेबढ़ाते हैं